8th pay commission salary list केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन संशोधन का सबसे महत्वपूर्ण आधार फिटमेंट फैक्टर होता है। नवंबर २०२५ की शुरुआत में जब केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के अध्यक्ष, सदस्यों और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) जारी किए, तभी से इस फैक्टर को लेकर चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं। यह फैक्टर ही वेतन और पेंशन का नया ढांचा तय करता है और कर्मचारियों की आय में सीधे तौर पर वृद्धि करता है।
निर्धारण के कारक: इसे किसी फिक्स फॉर्मूले से नहीं बनाया जाता है। इसके निर्धारण में महंगाई दर, सीपीआई/सीपीआई-आईडब्ल्यू इंडेक्स, सरकारी राजकोषीय स्थिति, निजी क्षेत्र की सैलरी ट्रेंड और कुल वेतन बजट जैसे पहलुओं का गहराई से विश्लेषण किया जाता है।
आधार: आमतौर पर इसका आधार कर्मचारी का मौजूदा बेसिक पे और ग्रेड पे बनता है।
कानूनी नियम: विशेषज्ञों का कहना है कि फिटमेंट फैक्टर के लिए कोई स्थायी कानूनी नियम नहीं है। हर वेतन आयोग की आर्थिक परिस्थितियाँ अलग होती हैं, इसलिए प्रत्येक आयोग अपना गुणक अलग तरह से सुझाता है, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल अंतिम रूप देता है।
पिछले वेतन आयोगों में फिटमेंट फैक्टर का इतिहास
वेतन आयोग द्वारा सुझाए गए और अंततः स्वीकृत किए गए फिटमेंट फैक्टर की तुलना नीचे दी गई है:
सातवें वेतन आयोग में २.५७ का गुणक लागू किया गया था, जिसमें पहले से ही १२५% डीए (DA) होने के कारण प्रभावी वेतन में लगभग १४% की वास्तविक बढ़ोतरी जुड़ी थी।
संभावित अनुमान: एनपीएस कर्मचारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर लगभग २.१३ हो सकता है।
दायरा: विशेषज्ञों के अनुसार, यह गुणक २.० से २.२ के बीच रहने की संभावना है।
आधार: मौजूदा डीए का स्तर (जो ५०% के करीब पहुँच चुका है), वार्षिक इंक्रीमेंट और परिवार इकाई के आकार में बदलाव की संभावनाएँ इस अनुमान का आधार हैं।
वेतन और पेंशन पर संभावित असर (२.० फिटमेंट फैक्टर पर)
फिटमेंट फैक्टर में बदलाव से कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। यदि फिटमेंट फैक्टर २.० गुणा रहता है, तो वेतन और पेंशन पर सीधा असर इस प्रकार होगा:
8वें वेतन आयोग का फिटमेंट फैक्टर कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और यह २.० से २.२ के बीच रहने का अनुमान है। हालाँकि एक निश्चित संख्या अभी तय नहीं है, लेकिन सरकार की वित्तीय क्षमता और वेतन आयोग की अंतिम रिपोर्ट ही यह तय करेगी कि केंद्रीय कर्मियों को वास्तविक रूप से कितनी बढ़ोतरी मिलेगी।