gehu khad dale : गेहूं की खेती में पहली सिंचाई का समय और उसके साथ सही पोषण देना ही बंपर पैदावार की कुंजी है। किसान अक्सर डीएपी (DAP) और यूरिया पर निर्भर रहते हैं, लेकिन कई बार सिर्फ इन दो तत्वों से अधिकतम कल्ले और मज़बूत जड़ें नहीं मिल पातीं। आइए जानते हैं वो कौन से दो प्रमुख खाद हैं, जिन्हें पहले पानी पर डालने से आपकी फसल शानदार बढ़वार करेगी और आप पारंपरिक खादों को भूल जाएंगे।
पहला पानी देने का सटीक समय: CRI अवस्था है सबसे महत्वपूर्ण
गेहूं की फसल को पहला पानी देने का सबसे सही समय बुवाई के ठीक 21 दिन के आस-पास होता है। किसान 18वें दिन से लेकर 25वें दिन के बीच सफलतापूर्वक सिंचाई कर सकते हैं।
यह समय इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
दरअसल, यह अवस्था क्राउन रूट इनिशिएशन (CRI) यानी शिखर जड़ों के निकलने की अवस्था होती है। इस दौरान पौधे से नई, प्राथमिक जड़ें निकलनी शुरू होती हैं। ये नई जड़ें ही भविष्य में पौधे के लिए पानी और सभी पोषक तत्वों को अवशोषित करने का मुख्य काम करती हैं।
- देरी का नुकसान: यदि इस महत्वपूर्ण CRI चरण में पानी देने में देरी होती है, तो कल्लों का फुटाव (टिलरिंग) बुरी तरह प्रभावित होता है। कल्लों की संख्या कम होने से अंततः प्रति एकड़ पैदावार में भारी गिरावट आती है।
- जल्दी का खतरा: वहीं, 10-12 दिन पर बहुत जल्दी पानी देने से फसल में पीलापन (Yellowing) आने का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए, सही समय का संतुलन बनाना ज़रूरी है।
पहले पानी पर DAP नहीं, इन 2 खादों का करें इस्तेमाल
पहले पानी के समय मुख्य फोकस कल्लों के अधिकतम फुटाव (Maximum Tillering) और जड़ों के मज़बूत विकास पर होना चाहिए। इसके लिए केवल यूरिया पर निर्भर रहने के बजाय दो विशिष्ट खादों का मिश्रण इस्तेमाल करना चाहिए:
1. नाइट्रोजन (यूरिया) + जिंक सल्फेट
यूरिया (नाइट्रोजन) की ज़रूरत तो है ही, लेकिन उसके साथ जिंक सल्फेट का उपयोग टिलरिंग को कई गुना बढ़ा देता है।
| खाद | मात्रा (प्रति एकड़) | मुख्य कार्य |
| यूरिया (Nitrogen) | 30 से 35 किलोग्राम | तीव्र वृद्धि और हरापन |
| जिंक सल्फेट (21% या 33% वाला) | 5 से 7 किलोग्राम | जड़ विकास, टिलरिंग, क्लोरोफिल निर्माण |
महत्वपूर्ण नोट: जिंक सल्फेट को फास्फोरस युक्त खादों (जैसे डीएपी या एनपीके) के साथ मिलाकर कभी न डालें। ये आपस में विपरीत प्रतिक्रिया करते हैं, जिससे दोनों का असर कम हो जाता है। यदि आपको दोनों की आवश्यकता है, तो एक खाद पहले पानी के साथ और दूसरी खाद दूसरे पानी के साथ प्रयोग करें।
2. सल्फर (गंधक) + सीवीड एक्सट्रैक्ट
पौधे को मज़बूती देने और पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने के लिए इन दो घटकों को जोड़ें:
| खाद | मात्रा (प्रति एकड़) | मुख्य कार्य |
| 90% WDG सल्फर | 3-4 किलोग्राम | प्रोटीन और तेल निर्माण, फंगस प्रतिरोध, भूमि सुधार |
| सीवीड एक्सट्रैक्ट (जैसे सागरिका) | आवश्यक मात्रा | जड़ों का तेज़ी से विकास, तनाव सहनशीलता |
ये सभी सूक्ष्म पोषक तत्व और जैविक अर्क जड़ों के विकास और फुटाव को अधिकतम करने में मदद करते हैं, जिससे आपको डीएपी और केवल यूरिया पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।
खाद और पानी देने का सर्वोत्तम तरीका
खाद को सही तरीके से डालना उतना ही ज़रूरी है जितना सही खाद का चयन।
- फव्वारा विधि (स्प्रिंकलर): यदि आप स्प्रिंकलर से सिंचाई कर रहे हैं, तो पहले खेत में खाद बिखेर दें और फिर पानी चलाएँ।
- खुला पानी (फ्लड इरीगेशन): यदि आप नहर या ट्यूबवेल से फ्लड इरीगेशन कर रहे हैं, तो खाद को पानी की क्यारी भरने के बाद या जब पानी आधा सोख जाए तब डालना चाहिए। इससे खाद एक समान रूप से घुल कर पूरे खेत में पहुँचती है।
सबसे बड़ी समस्या: खुले पानी से मिट्टी अक्सर जड़ों के ऊपर सख्त (टाइट) हो जाती है। यह कठोरता नई, कोमल जड़ों को फैलने में दिक्कत करती है, जिससे गेहूं की बढ़वार रुक सकती है या पीलापन आ सकता है।
इसलिए, संभव हो तो पहले पानी के लिए हल्की सिंचाई या फव्वारा विधि (स्प्रिंकलर) का उपयोग करना सबसे बेहतर माना जाता है। पहले पानी के चरण में, सल्फर और जिंक जैसी खादों की पूर्ति कर लेना आवश्यक है, क्योंकि फसल की अच्छी पैदावार के लिए बेसल डोज़ का पूरा लाभ लेने का यह अंतिम अवसर होता है।







