farmer new update किसान विकास और उनकी आर्थिक आय में ठोस वृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, केंद्र सरकार ने एक महत्वाकांक्षी और महत्वपूर्ण ‘छह-सूत्रीय रणनीति’ (Six-Point Strategy) संसद में प्रस्तुत की है। कृषि मंत्री ने देश के कृषि क्षेत्र को एक नई और मजबूत दिशा देने के लिए तैयार की गई इन नीतियों और उनकी प्रगति का विस्तार से उल्लेख किया।
रिकॉर्ड कृषि उत्पादन और तकनीकी हस्तक्षेप farmer new update
सरकार की इस रणनीति का पहला और मुख्य स्तंभ ‘प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ाना’ है। आधुनिक तकनीक और नई कृषि पद्धतियों के प्रभावी कार्यान्वयन के चलते, 2014 से 2024 के दशक में कृषि उत्पादन में 44 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। यह आंकड़ा न केवल एक उपलब्धि है, बल्कि कृषि क्षेत्र की प्रगति का स्पष्ट प्रमाण है।
उत्पादन लागत कम करने के लिए बड़ा आर्थिक संबल farmer new update
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उत्पादन लागत कम करना अनिवार्य है। इसके लिए केंद्र सरकार ने कई बड़ी आर्थिक योजनाओं के माध्यम से सीधे किसानों के खातों तक मदद पहुंचाई है:
- उर्वरक सब्सिडी: मोदी सरकार हर साल किसानों को उर्वरकों पर लगभग ₹2 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करके उन्हें बड़ी राहत दे रही है।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN): छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हुई इस योजना के तहत अब तक किसानों के बैंक खातों में सीधे ₹4 लाख 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की जा चुकी है।
- फसल बीमा कवर: प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के बदले किसानों को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) के तहत ₹1,900 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): किसानों को कम ब्याज दरों पर कर्ज उपलब्ध हो सके, इसके लिए KCC के माध्यम से ₹15 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित करने का लक्ष्य हासिल किया गया है।
प्राकृतिक संकट में ‘फसल बीमा’ का सहारा
बाढ़, अत्यधिक वर्षा या पाले जैसी प्राकृतिक आपदाओं से फसलें खराब होने पर, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ किसानों के लिए एक मजबूत आर्थिक कवच के रूप में खड़ी होती है। कृषि मंत्री ने सभी राज्य सरकारों से इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का आह्वान किया, ताकि संकट के समय किसानों को त्वरित मदद मिल सके।
दालों की खरीद पर ऐतिहासिक फैसला: आयात पर नियंत्रण
देश की शाकाहारी आबादी के लिए प्रोटीन का मुख्य स्रोत माने जाने वाली दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं:
- 100% MSP खरीद की गारंटी: तुअर (अरहर), मसूर और उड़द जैसी प्रमुख दालों का किसान जितना भी उत्पादन करेंगे, उसे पूरी तरह से 100% न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा।
- आयात शुल्क में वृद्धि: घरेलू बाजार में किसानों के हितों की रक्षा के लिए, सरकार ने विदेशी सस्ती दालों के आयात को रोकने हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कुछ शुल्क-मुक्त आयात होने वाली दालों पर आयात शुल्क 0% से बढ़ाकर 30% कर दिया गया है। साथ ही, मसूर और चना जैसी फसलों पर भी आयात शुल्क बढ़ाकर 10% किया गया है।
इन फैसलों के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार “राष्ट्र हित सर्वोपरि और किसानों का हित सर्वोपरि” के सिद्धांत पर मजबूती से कायम है।
आत्महत्या और तकनीक पर मानवीय दृष्टिकोण
किसान आत्महत्याओं के संवेदनशील मुद्दे पर बोलते हुए, कृषि मंत्री ने कोई भी आंकड़ा देने से परहेज किया, क्योंकि उनका मानना था कि यह अमानवीय होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हर व्यक्ति को मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। कृषि क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि बढ़ाकर आत्महत्याओं के कारणों को दूर करने के प्रयास लगातार जारी हैं।
इसके अलावा, MSP खरीद प्रक्रिया में डिजिटल प्रोक्योरमेंट सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार तकनीक के माध्यम से राज्यों को पूरा सहयोग देगी, ताकि खरीद प्रक्रिया अधिक तेज और पारदर्शी हो सके।