gas cylinder price भारत में हर घर के लिए एलपीजी (LPG) गैस सिलेंडर एक अनिवार्य और आवश्यक वस्तु बन चुका है। रसोई की दैनिक जरूरतों को पूरा करने वाली गैस की कीमतों में कोई भी बदलाव सीधे आम आदमी की जेब और उसके मासिक बजट को प्रभावित करता है। नवंबर २०२५ के महीने में घरेलू गैस सिलेंडर की दरों में कोई बढ़ोतरी या कटौती न होने से देश भर के करोड़ों परिवारों को बड़ी राहत मिली है। पिछले कुछ महीनों से इन कीमतों के स्थिर रहने से, परिवारों को अपने घरेलू खर्च की योजना बनाने में मदद मिली है।
प्रमुख शहरों में घरेलू गैस सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) की मौजूदा दरें
तेल विपणन कंपनियों ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में १४.२ किलोग्राम वाले घरेलू सिलेंडर की कीमत इस समय ८५२.५० रुपये है। अप्रैल २०२५ से इन दरों में कोई बदलाव नहीं आया है।
एक दिलचस्प बात यह है कि तमिलनाडु राज्य का कृष्णागिरी शहर देश में सबसे सस्ती गैस प्रदान करने वाले स्थानों में से एक है, जहां घरेलू सिलेंडर केवल ८४८.५० रुपये में उपलब्ध है।
कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम गिरे: व्यवसायों को प्रोत्साहन
घरेलू गैस के साथ ही, १९ किलोग्राम वाले व्यावसायिक (Commercial) गैस सिलेंडर की कीमतों में भी हाल ही में कटौती की गई है। यह खबर होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों और अन्य खाद्य व्यवसायों के लिए राहत भरी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में व्यावसायिक सिलेंडर अब १५९०.५० रुपये में मिल रहा है, जबकि पहले यह कीमत १६०० रुपये से अधिक थी।
मुंबई शहर में भी कमर्शियल सिलेंडर की दरें घटकर १५४२ रुपये हो गई हैं।
व्यवसायों के लिए गैस एक बड़ा आवर्ती खर्च (Recurring Expense) होता है, और कीमतों में यह थोड़ी सी कमी भी उनके कुल मुनाफे पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। खासकर जब कच्चे माल की कीमतें बढ़ रही हों, तो यह कटौती व्यवसायों को उपभोक्ताओं के लिए अपने उत्पादों की कीमतें स्थिर रखने में मदद करती है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) और सब्सिडी का महत्व
भारत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब परिवारों के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना चला रही है। इस योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को प्रत्येक गैस सिलेंडर पर सब्सिडी (अनुदान) प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाती है, जिससे उन्हें गैस की वास्तविक लागत कम चुकानी पड़ती है। इस योजना ने लाखों परिवारों को स्वच्छ ईंधन तक पहुंच प्रदान की है।
सब्सिडी की गतिशीलता: उज्ज्वला योजना की सब्सिडी राशि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमतों, कच्चे तेल के दामों और डॉलर-रुपये की विनिमय दर (Exchange Rate) पर निर्भर करती है। वैश्विक बाजार में दरें बढ़ने पर, सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढ़ता है, जिससे भविष्य में दरों में बदलाव की संभावना बनी रहती है।
वर्तमान स्थिति में घरेलू दरों का स्थिर रहना और व्यावसायिक दरों का घटना ग्राहकों के लिए संतोषजनक है। हालांकि, वैश्विक बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सतर्क रहना आवश्यक है।
ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे गैस का मितव्ययी (Economical) उपयोग करें। खाना पकाते समय प्रेशर कुकर का उपयोग करना, बर्तनों को ढककर पकाना, और सही आकार की लौ (Flame) का उपयोग करना जैसे छोटे उपाय गैस की खपत को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, नियमित रखरखाव और गैस रिसाव (Leakage) की जांच करना न केवल पैसे बचाता है, बल्कि सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।