Wheat Top 8 Weedicide : गेहूं की खेती में किसान की सबसे बड़ी चुनौती खरपतवार (Weeds) होते हैं। ये न केवल मिट्टी से पोषण और नमी छीन लेते हैं, बल्कि गेहूं की पैदावार को 20% से 40% तक कम कर सकते हैं। गेहूं में मुख्य रूप से दो तरह के दुश्मन होते हैं:
- चौड़ी पत्ती वाले: जैसे बथुआ, जंगली पालक, गाजर घास और सरसों।
- संकरी पत्ती वाले: जैसे गुली डंडा (गेहूं का मामा) और जंगली जई।
अगर आप भी अपनी फसल को इन खरपतवारों से बचाना चाहते हैं, तो यहाँ भारत के 4 टॉप खरपतवार नाशक और उनके इस्तेमाल का सही तरीका दिया गया है।
मेट सल्फ्यूरोन मिथाइल 20% WP (Met Sulfuron Methyl)
यह चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए काल माना जाता है।
- किसके लिए: बथुआ, कृष्णनील और जंगली पालक।
- मात्रा: 8 ग्राम प्रति एकड़ (अधिक समस्या होने पर 12 ग्राम तक)।
- खास बात: यह बहुत किफायती है और बथुआ जैसे खरपतवारों को जड़ से सुखा देता है।
2,4-D Ethyl Ester 58% (2,4-डी)
अगर आपके खेत में गाजर घास या बहुत जिद्दी चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार हैं, तो 2,4-D सबसे प्रभावी है।
- प्रो टिप: बेहतर परिणाम के लिए 8 ग्राम ‘मेट सल्फ्यूरोन’ के साथ 300 मिलीलीटर ‘2,4-D’ मिलाकर स्प्रे करें। यह मिश्रण हर तरह की चौड़ी पत्ती वाली घास का सफाया कर देता है।
क्लोडिनाफोप प्रोपरजिल 15% WP (Clodinafop)
यह जंगली जई और गुली डंडा (संकरी पत्ती) के नियंत्रण के लिए सबसे लोकप्रिय दवा है। बाजार में यह ‘टॉपिक’ (Topic) के नाम से भी मशहूर है।
- फायदा: यह गेहूं की फसल को नुकसान पहुँचाए बिना केवल घास पर वार करता है।
पायरोक्सा सल्फोन 85% WG (Pyroxasulfone)
यह खरपतवार नाशक तकनीक में सबसे आधुनिक विकल्प है (जैसे ‘अवकीरा’)।
- इस्तेमाल का समय: इसे गेहूं की बिजाई के तुरंत बाद या पहले पानी से 2 दिन पहले दिया जाता है।
- खासियत: यह गुली डंडा को उगने से पहले ही खत्म करने की क्षमता रखता है।
स्प्रे करते समय इन 3 बातों का रखें खास ध्यान
केवल सही दवा चुनना काफी नहीं है, स्प्रे करने का तरीका भी सही होना चाहिए:
- नमी का महत्व: हमेशा पहले पानी के बाद जब खेत में ‘पैर जमने’ लायक नमी हो, तभी स्प्रे करें। सूखे खेत में स्प्रे करने से दवा का असर आधा रह जाता है।
- सही समय: जब खरपतवार 2 से 4 पत्ती की अवस्था में हों, तभी स्प्रे करें। खरपतवार जितने बड़े होंगे, उन्हें मारना उतना ही मुश्किल होगा।
- सावधानी: स्प्रे के लिए हमेशा ‘फ्लैट फैन’ नोजल का उपयोग करें और ध्यान रहे कि एक ही जगह पर दोबारा स्प्रे न हो, वरना गेहूं की फसल पर पीलापन आ सकता है।




