old pension system : पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली का इंतजार कर रहे देश भर के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों, शिक्षकों और अर्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) के जवानों के लिए लोकसभा से निराशाजनक खबर सामने आई है। “नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम” और अन्य संगठनों द्वारा लंबे समय से चलाए जा रहे संघर्ष के बीच, केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू करने का कोई भी प्रस्ताव उनके पास विचाराधीन नहीं है।
वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में एक अतारांकित प्रश्न (संख्या 2308) के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
सरकार का स्पष्ट रुख: OPS की वापसी नहीं होगी
लोकसभा में सांसदों द्वारा पूछे गए सवाल कि “क्या सरकार का अपने कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को समाप्त करके पुरानी पेंशन योजना (OPS) कार्यान्वित करने का विचार है?” के जवाब में वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में कहा:
“राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) अथवा एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के संबंध में पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।”
यह जवाब उन लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है जो मान रहे थे कि सरकार चुनाव या विरोध प्रदर्शनों के दबाव में OPS पर विचार कर सकती है।
राज्य सरकारों को जमा पैसा वापस नहीं मिलेगा
कई राज्य सरकारों (जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश) ने अपने कर्मचारियों के लिए OPS बहाल करने की अधिसूचना जारी की थी और केंद्र से NPS का पैसा वापस मांगा था। इस पर भी केंद्र सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं।
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि PFRDA अधिनियम, 2013 और अन्य नियमों के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके माध्यम से अंशदाताओं की संचित राशि (Accumulated Corpus) राज्य सरकारों को वापस लौटाई जा सके।
सरकार का विकल्प: एकीकृत पेंशन योजना (UPS)
OPS को नकारते हुए सरकार ने अपनी नई एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme – UPS) का बचाव किया है और इसके फायदों को गिनाया है। दस्तावेज के अनुसार, UPS के तहत कर्मचारियों को निम्नलिखित लाभ दिए जाएंगे:
- सुनिश्चित पेंशन (Assured Pension): कम से कम 25 वर्ष की सेवा के बाद, पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन (Basic Pay) का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। (कम से कम 10 साल की सेवा पर आनुपातिक भुगतान)। 2. सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु के बाद, उसकी पत्नी/पति को कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60% मिलेगा।
- न्यूनतम पेंशन: कम से कम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति पर 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन।
- महंगाई राहत (Inflation Indexation): सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आधार पर महंगाई राहत (DR) दी जाएगी।
- एकमुश्त भुगतान (Lump Sum Payment): ग्रेच्युटी के अलावा, सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (वेतन + डीए) के 1/10वें हिस्से के बराबर एकमुश्त भुगतान सेवानिवृत्ति पर दिया जाएगा। इससे मासिक पेंशन कम नहीं होगी।
कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश
सरकार के इस जवाब को कर्मचारी संगठनों ने बेहद निराशाजनक बताया है।
- शिक्षकों और कर्मचारियों पर असर: देश भर के लाखों शिक्षक और राज्य/केंद्र के कर्मचारी जो बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए OPS को एकमात्र सहारा मानते थे, उन्हें अब NPS या UPS पर ही निर्भर रहना होगा।
- पैरामिलिट्री फोर्सेस: देश की सुरक्षा में तैनात अर्धसैनिक बलों के जवान भी पुरानी पेंशन की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार के इस जवाब ने उनकी उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है।
- कर्मचारी अंशदान की वापसी नहीं: सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि एक बार पे-आउट शुरू होने के बाद, सेवा के दौरान काटे गए वेतन अंशदान को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है (हालांकि कुछ शर्तों के तहत 60% निकासी का विकल्प है)।
सरकार ने लोकसभा में अपनी स्थिति पूरी तरह साफ कर दी है कि वह आर्थिक सुधारों और नीतिगत ढांचे के चलते पुरानी पेंशन योजना (OPS) की ओर वापस नहीं लौटेगी। सरकार का पूरा जोर अब “एकीकृत पेंशन योजना” (UPS) को लागू करने पर है, जिसे वह OPS और NPS के बीच का एक संतुलित रास्ता मान रही है। हालांकि, कर्मचारी संगठन इसे अपने अधिकारों का हनन मान रहे हैं और इसे “बुरी खबर” करार दे रहे हैं।



