Panjab Dakh 2026 Andaj प्रसिद्ध मौसम विशेषज्ञ पंजाब डख ने वर्ष 2026 के लिए अपना विस्तृत मानसून पूर्वानुमान जारी कर दिया है, जो महाराष्ट्र के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। उनके विश्लेषण के अनुसार, आने वाले साल में महाराष्ट्र में बारिश की स्थिति ‘औसत’ (Normal) रहने की प्रबल संभावना है।
यह अनुमान किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि औसत बारिश आमतौर पर फसलों के लिए पर्याप्त और अनुकूल होती है।
2026 मानसून का मुख्य सार (Panjab Dakh 2026 Andaj)
डख के विश्लेषण के अनुसार:
कुल वर्षा: 2026 में कुल बारिश 500 से 600 मिलीमीटर के आसपास रहने का अनुमान है। यह मात्रा ‘औसत’ की श्रेणी में आती है।
फसलों के लिए अनुकूल: उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब बारिश औसत के करीब होती है (यानी बहुत अधिक नहीं होती), तो फसल की पैदावार बेहतर होने की संभावना अधिक होती है।
अतिवृष्टि का खतरा कम: पिछले वर्ष (2025) की तुलना में, 2026 में भारी अतिवृष्टि (Heavy Flooding) का बड़ा खतरा नहीं रहेगा। कुछ चुनिंदा और छिटपुट क्षेत्रों में थोड़ी बहुत अधिक बारिश देखने को मिल सकती है, लेकिन पूरे महाराष्ट्र में गंभीर बाढ़ जैसी स्थिति नहीं होगी।
2026 का महीनावार बारिश का कार्यक्रम
पंजाब डख ने 2026 के मानसून का स्वरूप महीने के अनुसार स्पष्ट किया है, जो इस प्रकार है:
| महीना | स्थिति/अनुमान | किसानों के लिए सलाह |
| जून (पहला सप्ताह) | मानूसन का आगमन: 6, 7 या 8 जून के आसपास महाराष्ट्र में दस्तक। | शुरुआती बारिश का उपयोग कुछ किसान कपास (Cotton) की बुवाई के लिए कर सकते हैं। |
| जून (21 तारीख से) | मुख्य बुवाई वर्षा: बुवाई पूरी करने के लिए आवश्यक दमदार और बड़ी बारिश की शुरुआत। | इस दौरान किसानों की सभी बुवाई और रोपण कार्य पूरे हो जाएंगे। |
| जून और जुलाई | मध्य सीजन: इन महीनों में अच्छा मानसून और भरपूर बारिश की उम्मीद है। | फसलों के विकास के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। |
| अगस्त | वर्षा में कमी (ब्रेक): इस महीने में बारिश की मात्रा थोड़ी कम रहेगी, यानी एक छोटा ‘खंड’ (Break) दिखेगा। | किसानों को जल प्रबंधन (Water Management) और सिंचाई पर ध्यान देना होगा। |
| सितंबर | मानसून की वापसी: अगस्त के बाद सितंबर में बारिश फिर से ज़ोर पकड़ेगी और लौटते हुए मानसून (Retreating Monsoon) की शुरुआत होगी। | यह देर से आने वाली फसलों के लिए महत्वपूर्ण होगा। |
तात्कालिक कृषि सलाह: नवंबर और दिसंबर 2025 पर ध्यान दें
डख ने वर्तमान (नवंबर/दिसंबर 2025) मौसम की स्थिति पर भी किसानों को महत्वपूर्ण सलाह दी है:
रबी की बुवाई के लिए सलाह
- सटीक समय: 25 नवंबर तक ठंड बहुत अधिक रहेगी। इसलिए, यह समय गेहूं (Wheat) और चना (Gram) की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है।
- चना बुवाई तकनीक: उन्होंने प्रति एकड़ 50 से 60 किलोग्राम बीज का उपयोग करने की सलाह दी है। इस विधि से बुवाई करने पर फसल घनी होती है और उत्पादन अच्छा मिलने की संभावना होती है।
बेमौसम बारिश की चेतावनी (2 से 10 दिसंबर 2025)
- संभावित अवधि: हर साल की तरह, महाराष्ट्र में 2 दिसंबर से 10 दिसंबर के बीच बेमौसम (अवकाळी) बारिश आने की संभावना जताई गई है।
- मौसम बदलाव: 27 और 28 नवंबर के आसपास कुछ हिस्सों में बादल छाए रहेंगे, और उसके बाद 2 दिसंबर के करीब बारिश शुरू हो सकती है।
- प्रभावित क्षेत्र: पश्चिमी महाराष्ट्र में इस बेमौसम बारिश का प्रभाव थोड़ा अधिक रहने की आशंका है।
किसानों के लिए एक्शन: इस पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए, किसानों को अपनी रबी फसलों की कटाई और भंडारण समय पर पूरा कर लेना चाहिए।
पंजाब डख का 2026 का औसत बारिश का पूर्वानुमान महाराष्ट्र के कृषि क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह संकेत देता है कि किसानों को पिछले कुछ वर्षों की तरह अत्यधिक अनिश्चितता का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि एक संतुलित मौसम मिल सकता है।




